हरियाणा के रोहतक जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. सीवरेज ब्लॉकेज खोलने के लिए सफाई कर्मचारियों को बिना सेफ्टी किट के टैंक में उतारा गया और उनसे सफाई कराई गई. मीडिया के कैमरे को देखकर ठेकेदार ने कर्मचारियों को बाहर निकलने का निर्देश दिया और काम को अधूरा छोड़ कर वहां से रफू-चक्कर हो गया. बिना सेफ्टी किट के कर्मचारियों को टैंक में उतारने से अगर कोई हादसा हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता, इसकी चिंता ना तो ठेकेदार को थी और ना ही संबंधित विभाग को, जिसके पास साफ सफाई की जिम्मेदारी है.
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दरअसल 30 जून को हुई भारी बरसात के बाद से रोहतक में जिला प्रशासन के दावों की लगातार पोल खुल रही है. कई कॉलोनियां पानी में डूब गई तो सड़कों पर भी वाहन तैरते नजर आए. रोहतक के विधायक भारत भूषण बतरा, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और चंडीगढ़ से जनस्वास्थ्य विभाग के चीफ इंजीनियर भी यहां का दौरा कर चुके हैं, लेकिन हालात अभी तक नहीं बदले हैं.
कॉलोनियों में पानी सड़ रहा है, निकासी के प्रबंध नहीं है. जब दबाव बढ़ा तो स्ट्रॉम वॉटर टैंक की सफाई कराने के लिए सफाई कर्मचारियों को बुलाया गया. लेकिन हैरानी देखिए इतना सब होने के बावजूद उन कर्मचारियों की जान को जोखिम में डालते हुए उन्हें टैंक के अंदर उतार दिया गया. उनके पास पूरी सेफ्टी किट की तो छोड़िए, जूते और दस्ताने तक नहीं थे.
ये कर्मचारी गंद को अपने हाथों से निकाल रहे थे, और ठेकेदार इनसे निकलवा रहा था. मौके पर पब्लिक हेल्थ विभाग का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. ठेकेदार से बात करनी चाही तो उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया और उन कर्मचारियों को बाहर निकाल कर वहां से निकल गया.